नीम
आयुर्वेद की दुनिया में, नीम एक लोकप्रिय औषधीय जड़ी बूटी है, जो पारंपरिक उपचारों का एक हिस्सा रहा है। इसके पत्तों में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं । यही वजह है कि यह संक्रमण, जलन और त्वचा की किसी भी तरह की समस्याओं को दूर करता है। यह उन बैक्टीरिया को नष्ट करता है जो हमारे शरीर में संक्रमण का कारण बनते हैं।
- HINDI NAME – नीम
- ENGLISH NAME – Neem
- BOTANICAL NAME – Azadirachta indica
- FAMILY NAME – Meliaceae
यहाँ कुछ बहुत अच्छे तरीके हैं जिनमें हम नीम के पत्तों का उपयोग अपने दैनिक जीवन में कर सकते हैं
1.घाव भरने वाला (Wound healer): नीम के पत्तों का पेस्ट बनाकर इसका उपयोग अपने घाव में या कीड़े के काटने वाली जगह पर कर सकते है जिससे आराम मिलता है । यह घाव को भरने में भी मदद करता है ।
2.जल जाने पर : अगर आप खाना बनाते समय हैं तो किसी और कारण से अपना हाथ जला बैठी हैं तो तुरंत उस जगह पर नीम की पत्तियों को पीसकर लगा लें। इसमें मौजूद एंटीसेप्टिक(Antiseptic) गुण घाव को ज्यादा बढ़ने नहीं देता है।
3.बालों के लिए(For hair): कुछ नीम का तेल लें और इसे बालों के जड़ों में रगड़ें, थोड़ी देर के लिए इसे छोड़ दें और धो लें। इसका तेल आपके बालों को मजबूत करता है, बालों के झड़ने को रोकता है और रूसी का इलाज कर सकता है। इसके पत्तों का एक गुच्छा लेकर उसे पानी में उबालें जब तक कि पानी हरा न हो जाए, इसे ठंडा होने दें। अपने बालों को शैम्पू से धोने के बाद इस पानी से साफ़ करें। इससे रूसी से छुटकारा मिलता है।
इसके पत्तियों का उपयोग बालों को धोने में भी कर सकते हैं ,यह बालों की जड़ों को मजबूत बनाता है । इसकी पत्तियों को पानी में उबालकर उसके पानी से बालों को साफ करें इससे रूसी और फंगस जैसी समस्या दूर हो जाती है। इसकी पत्तियों का धुंवा मच्छर भागने में भी किया जाता है ।
4.नेत्र कष्ट (Eye Trouble): इसके कुछ पत्तों को उबालें, पानी को पूरी तरह से ठंडा होने दें और फिर इसका उपयोग अपनी आँखों को धोने के लिए करें। यह किसी भी तरह की जलन, थकान या लालिमा में मदद करेगा।
5.चहरे के दाग धब्बों और मुंहासे से छुटकारा: इसके पत्तों को पीसकर, एक पेस्ट बना लें और इसे रोजाना तब तक लगाएं जब तक मुंहासे सूख न जाएं। पेस्ट किसी भी प्रकार के मुंहासे , काले धब्बे से छुटकारा दिलाने में मदद करता है।
6.No ब्लैकहेड्स: नीम के तेल की 2-3 बूंदें लें, इसमें पानी लेकर तेल को पतला करें और इस मिश्रण को अपने ब्लैकहेड्स पर लगाएं। ब्लैकहेड्स से छुटकारा पाने के लिए इसे नियमित रूप से लगाये और उन्हें वापस आने से रोकें।
7.कान के रोग (Ear ailments): इसके कुछ पत्तों को मसलकर उसमें थोड़ा शहद मिलाएं। किसी भी कान के फोड़े का इलाज करने के लिए इस मिश्रण की कुछ बूंदों का उपयोग करें। इस तरह के रोगों के लिए यह काफी फायेदेमंद रहा है ।
8.अन्य त्वचा रोगों से छुटकारा (Other skin disorders) : नीम के पत्तों के पेस्ट के साथ हल्दी का उपयोग खुजली, एक्जिमा, रिंग कीड़े और कुछ हल्के त्वचा रोगों के लिए भी किया जा सकता है। यह काफी फायेदेमंद रहा है।
9.इम्यूनिटी बूस्ट करें (Boost immunity): कुछ नीम के पत्तों को कुचलें और अपनी इम्युनिटी (immunity) बढ़ाने के लिए एक गिलास पानी के साथ लें। यह शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है ।
नीम के फूल (Neem Flowers) : नीम के पेड़ के फूलों का स्वाद बहुत कड़वा होता है। इनके फूलों का उपयोग ताजा, सूखे या पाउडर के रूप में किया जा सकता है। इसके फूलों का उपयोग एनोरेक्सिया (anorexia), पेट और आंतों के कीड़े के इलाज के लिए किया जा सकता है। आयुर्वेद का सुझाव है कि इसके पत्ते आंखों के लिए अच्छे होते हैं और त्वचा रोग और सिरदर्द के इलाज में उपयोगी होते हैं। इसके फूलों एक प्रभावी गर्भनिरोधक माना गया।
नीम टहनियाँ और छाल(Neem Twigs & Bark): कई सालों से भारत के लोग नीम की टहनी का उपयोग टूथब्रश के रूप में करते हैं यह कीटाणुओं से लड़ता है, आपकी लार में क्षारीय स्तरों को बनाए रखता है, सूजन वाले मसूड़ों का इलाज करता है और दांत को साफ रखने में मदद करता है। 6 सप्ताह तक रोजाना नीम की दातुन करने पर दांतों और मसूड़ों पर लगाने से मैल बनना कम होता है। यह मुंह में बैक्टीरिया की संख्या को भी कम कर सकता है । हालांकि, 2 सप्ताह तक इसके पानी से मुंह कुल्ला का उपयोग करने पर मसूड़े की सूजन को कम करता है।
अल्सर (Ulcers): नीम की छाल का 30-60 मिलीग्राम काढ़ा 10 सप्ताह तक प्रतिदिन दो बार लेने से पेट और आंतों के अल्सर को ठीक करने में मदद मिलती है।
नीम का तेल (Neem Oil) : नीम का तेल जो नीम के बीजों से निकाला जाता है, औषधीय गुणों से भरपूर होता है।यह त्वचा रोगों का इलाज कर सकता है। आप इसे नारियल के तेल के साथ मिलाकर अपने शरीर पर भी लगा सकते हैं। इसका तेल आपके बालों को मजबूत करता है, बालों के झड़ने को रोकता है और रूसी का इलाज कर सकता है।
एंटी-एजिंग (Anti-ageing): नीम का तेल बेहद पौष्टिक होता है और इसे आप अपने फेस पैक में मिलाया सकते है। यह उम्र बढ़ने वाली त्वचा, किसी भी तरह की त्वचा की जलन और खुजली में भी मदद करता है। त्वचा पर इसके तेल की क्रीम लगाने से कुछ प्रकार के मच्छरों से भी बचाव होता है।
विशेष सावधानियां और चेतावनी (Special Precautions & Warnings):
नीम के बीज या तेल को मुंह से लेना बच्चों के लिए हानिकरक है। इसके तेल लेने पर शिशुओं और छोटे बच्चे गंभीर रूप से बीमार हो सकते है। इन गंभीर दुष्प्रभावों में उल्टी, दस्त, उनींदापन, रक्त विकार, दौरे, चेतना की हानि, कोमा, मस्तिष्क विकार और मृत्यु शामिल हैं।
1.गर्भावस्था और स्तनपान(Pregnancy and breast-feeding): नीम का तेल और इसकी छाल को गर्भावस्था के दौरान मुंह से लिया जाता है। वे गर्भपात का कारण बन सकते हैं।
2.मधुमेह(Diabetes): नीम रक्त शर्करा(blood sugar)के स्तर को कम कर सकता है। यदि आपको मधुमेह है तो इसका उपयोग सावधानीपूर्वक निगरानी से करें। यह आपके मधुमेह की दवा की खुराक के लिए काफी फायेदेमंद हो सकता है।
3.बच्चों की कम क्षमता (बांझपन)Reduced ability to have children (infertility):माना जाता है कि नीम शुक्राणु(sperm) को नुकसान पहुंचा सकता है। यह अन्य तरीकों से भी प्रजनन(fertility) क्षमता को कम कर सकता है। यदि आप बच्चे पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं, तो इसका उपयोग करने से बचें।
4.अंग प्रत्यारोपण(Organ transplant): नीम दवाओं की प्रभावशीलता को कम कर सकता है । यदि आपके पास अंग प्रत्यारोपण हुआ है तो इसका उपयोग न करें।
5.सर्जरी(Surgery): नीम रक्त शर्करा(blood sugar) के स्तर को कम कर सकता है। सर्जरी के दौरान और बाद में यह रक्त शर्करा(blood sugar) नियंत्रण में बाधा उत्पन्न कर सकता है। सर्जरी से कम से कम 2 सप्ताह पहले इसका उपयोग करना बंद कर दें।