लहसुन
- HINDI NAME – लहसुन
- ENGLISH NAME – Garlic
- BOTANICAL NAME – Allium sativum
- FAMILY NAME – Alliaceae
लहसुन एक बारहमासी फसल है जो मूल रूप से मध्य एशिया से आया है, जिसकी खेती अब दुनिया भर में होती है। इसकी जड़ों की तरफ एक अर्धशल्कावारित कंद होता है और पत्ते सपाट पतले लंबे घास की तरह होते है । कंद और फुल सफेद रंग के होते है।
इसे खाने के अनेक फायदे है। आयुर्वेद में तो लहसुन को औषधि माना गया है। कहा जाता है कि किसी न किसी रूप में इसको अपनी डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए। सुबह-सवेरे खाली पेट इसे खाने के बहुत फायदे होते है।
खाद्य और पेय पदार्थों में, ताजा लहसुन,पाउडर और इसके तेल का उपयोग करना चाहिए । यह शरीर को स्वस्थ बनाने में मदद करता है ।
फायदे (Benefits)
1. रक्त शोधक (The Blood Purifier)
किसी भी शरीर को बाहर से स्वस्थ होने के लिए शरीर के अंदर खून (Blood) का शुद्ध होना जरूरी है ।
कच्चे लहसुन की दो लौंग थोड़े गर्म पानी के साथ रोजाना सुबह-शाम लें और पूरे दिन भरपूर पानी का सेवन करें। या एक गिलास गुनगुने पानी में आधा नींबू का रस निचोड़ लें और इसे 2 लौंग लहसुन के साथ सुबह शाम पियें।
यह आपके सिस्टम को साफ करने और विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करेगा।
इसे खाने से हाई बीपी में आराम मिलता है। दरअसल यह ब्लड सर्कुलेशन को कंट्रोल करने में काफी मददगार है। हाई बीपी की समस्या से जूझ रहे लोगों को रोजाना इसे खाने की सलाह दी जाती है।
2. सर्दी और फ्लू (Cold and Flu)
आम सर्दी या जुकाम को रोकने के लिए लहसुन सेहत के लिए काफी फायेदेमंद रहा है।
यह आपको सर्दी और फ्लू से राहत दिलाता है। एक दिन में 2-3 लौंग कच्ची या पकी हुई लहसुन का सेवन करना या कुछ लहसुन की चाय (स्वाद को बढ़ाने के लिए शहद या अदरक का उपयोग कर सकते है) लेना न केवल सर्दी में नाक को राहत देने और सर्दी को ठीक करने वाला है, बल्कि आपकी प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाएगा।
इसका सबसे पहला उपयोग मांस खाने वालों द्वारा किया गया था क्योंकि यह माना जाता था कि मांस संक्रमण का कारण बन सकता है जिससे लहसुन लड़ सकता है।
सर्दी और फ्लू से लड़ने के लिए लहसुन को गर्म स्टॉज, शोरबा और सूप में जोड़ा जा सकता है। लहसुन इसकी कच्ची अवस्था में सबसे अच्छी होती है।
इसे खाने से सर्दी-जुकाम, खांसी, अस्थमा, निमोनिया, ब्रोंकाइटिस के इलाज में फायदा होता है।
3. हृदय रोग की रोकथाम(Prevention of Heart Disease)
लहसुन दिल से संबंधित समस्याओं को भी दूर करता है। इसे खाने से खून का जमाव नहीं होता है और हार्ट अटैक होने का खतरा कम हो जाता है।
रोजाना भोजन करते समय कच्चे लहसुन का सेवन करने से एलिसिन के एंटी-ऑक्सीडेंट गुणों के कारण कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद मिलती है।
यह रक्तचाप और रक्त शर्करा के स्तर को विनियमित करने के लिए भी बहुत फायदेमंद है।
जब इसको पकाया जाता है तब सल्फर युक्त यौगिक एलिसिन (sulphur-containing compound Allicin) अपने औषधीय गुणों को खो देता है,इसीलिए इसे कच्चा या आधा पकाकर सेवन करना चाहिए है।
4. एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-परजीवी (Anti-bacterial and Anti-parasitic)
लहसुन पिछले कई सालों के सबसे अच्छे औषधीय खजानों में से एक है – इसका उपयोग पिछले 7,000 वर्षों से बैक्टीरिया, फंगल और परजीवी संक्रमण के इलाज के लिए एंटीबायोटिक के रूप में किया जाता है।
अध्ययन से पता चलता है कि इसको जलमिश्रित (diluted) करके इसका उपयोग करने से बच्चों को टेपवर्म संक्रमण (tapeworm infections) के रोकथाम में मदद मिलती है।
यह बहुत कम मात्रा में कैविटी पैदा करने वाले बैक्टीरिया(cavity-causing bacteria) को दूर करने के लिए पर्याप्त है।
5. कैंसर की रोकथाम (Cancer Prevention)
कई अध्ययनों से पता चला है कि लहसुन का सेवन करते रहने से कोलोरेक्टल (colorectal cancers) कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों बचा जा सकता है ।
यह कैंसर के खिलाफ शरीर की प्रतिरक्षा को मजबूत करता है।
6. त्वचा और बालों के लिए(For Skin and Hair)
लहसुन स्फूर्तिदायक(invigorating) गुण पाये जाते है ,जो त्वचा को मुक्त कणों(free radicals) के प्रभाव से बचाते हैं और कोलेजन की कमी को धीमा करते हैं।
यह फंगल संक्रमण से संक्रमित त्वचा के लिए चमत्कार करता है और एक्जिमा जैसी त्वचा की बीमारियों से राहत देता है। यह दाद जैसे फंगल संक्रमण के लिए भी एक प्रभावी उपाय है।
बालों के लिए प्याज के चमत्कार के बारे में हम सभी जानते हैं लेकिन इसका भाई, लहसुन आपके पतले बालों के लिए किसी हीरो से कम नहीं है। अपने बालों की जड़ों पर कुचले हुए इसके अर्क को रगड़ें या इसके तेल से मालिश करें, यह बालों के झड़ने को रोकने और बालों को बढ़ाने में मदद करता है ।
7. पेट की बीमारियां से राहत
पेट से जुड़ी बीमारियों जैसे डायरिया और कब्ज की रोकथाम में लहसुन बेहद उपयोगी है। पानी उबालकर उसमें इसकी कलियां डाल लें। खाली पेट इस पानी को पीने से डायरिया और कब्ज से आराम मिलेगा।
खाली पेट इसकी कलियां चबाने से आपका डाइजेशन अच्छा रहता है और भूख भी लगती है।
यह अत्यधिक पौष्टिक है लेकिन बहुत कम कैलोरी की होती है।
लहसुन का तेल (garlic oil)
तेल बनाने की विधि – एक छोटे बर्तन में सरसों का तेल लें और उसे गरम करें ,तेल गरम होने के बाद उसमें लहसुन की कलियाँ डालें और धीमी आंच में पकाये। जब तेल से लहसुन की गंध आने लगे तो उतार दें अब इसे ठंडा होने दें । ठंडा होने के बाद इस तेल का उपयोग कर सकते हैं ।
इसका उपयोग बालों में लगाने के लिए किया जा सकता है ।
इसे त्वचा में लगाने से यह त्वचा से दाग ,धब्बे दूर करने में मदद करता है ।
अगर हम सरसों के तेल से बना लहसुन का तेल का सेवन (एक छोटी चम्मच) करते हैं तो दिल के लिए काफी फायेदेमंद हो सकता है । इस तेल के मालिश से गठिया के दर्द में आराम मिलता है।
इसमें पाये जाने वाले पोषक तत्व blood circulation और कोलेस्ट्रॉल (colestrol) को नियंत्रित करता है । इसके अलावा यह स्ट्रोक और हार्ट अटैक के खतरे को कम करता है ।
इस तेल के मालिश से सर्दी ,जुकाम और बुखार से बचाव के लिए काफी फायेदेमंद होता है। कानों में खुजली होने पर दो बूंद कानों में डाले जिससे कानों को भी आराम मिलता है।
लहसुन + अजवाइन का तेल
तेल बनाने की विधि – एक स्टील की कड़ाई में सरसों का तेल लें और उसे गरम करें ,तेल गरम होने के बाद उसमें लहसुन की 8 कलियों को छीलकर डालें साथ ही अजवाइन (4 ग्राम) तेल मे डालें और धीमी आंच में पकाये। इसे तब तक पकाये जब तक लहसुन और अजवाइन काली न पड़ जाए । इसके बाद इसे उतार दें ठंडा होने के बाद इसे छन लें।
इसका उपयोग जोड़ों में दर्द ,सर्दी – जुकाम में मलिस करने में किया जाता है । किसी भी प्रभावी अंग को मलिस करते समय तेल हल्का गरम होना चाहिए ।
सावधानियां (Caution)
1. अस्थमा के रोगियों को लहसुन का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इसके दुष्प्रभाव (side-effects)हो सकते हैं।
2. सर्जरी या मेडिकल ऑपरेशन से पहले इसका सेवन नहीं चाहिए।
3. बिना डॉक्टर की सलाह के एक दिन में 2-3 से ज्यादा इसका सेवन न करें।